| तू म्हणतेस मज, की, चित्तचोर मी |
| लोक म्हणती मज, असे बंडखोर मी. |
| दिसलो जरी असा, निर्विकार मी |
| असतो खोल आत, भावविभोर मी. |
| नाही दिप येथे, तुझ्या स्वागताला |
| काळजास केले, ही चंद्रकोर मी. |
| हास दु:खा उगाच, हास तुही आता |
| तुजसवे लावतो, पुन्हा एक जोर मी. |
| नको उगा बोलू, काही ही भलते |
| झाडाहून कसा, होईन थोर मी? |
| जरी तुझ्यासाठी, झालो मी बुजुर्ग |
| मनात एक उनाड, दडविले पोर मी. |
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