| सळसळूनी शब्दगाणी बोलताती झाड वेली. |
| अमृताहून जीवनाच्या गोड माझी मायबोली |
| नादब्रम्ह साचलेली जेथ आहे गहन खोली |
| अर्थगर्भ जीवनाचा सांगते ही मायबोली. |
| माय माझी बोलली जी, तिच मी ही शिकलेली |
| बोबडा मी बोलताना मित झाली मायबोली. |
| बाळबोध जिवणीशी एकदा मी बांधलेली. |
| तिच आज बोलतो मी काळजाची मायबोली. |
| परभाषी पावसाची झड आली झड गेली |
| तोलली मी वादळात एक माझी मायबोली. |
| चोखळोनी पैस सारा ज्ञानदेवे रचियेली |
| माऊलीची साऊली ही शब्दरुप मायबोली. |
Friday, September 14, 2012
मायबोली
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कविता
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